Wednesday, October 15, 2008

सादा जीवन, उच्च विचार, यही पहचान हैं उनकी

विनोद के मुसान
15 टूबर को एक संत का जन्मदिन था। बहुत से लोगों को नहीं पता। लेकिन उनका जन्मदिन था। समाचार पत्रों में सरकार, राजनीतिक पार्टियों या किसी संस्था ने कोई विज्ञापन नहीं दिया। शायद वे आज भी जीवत हैं ! इसलिए। लेकिन वे एक सच्चे संत हैं, इसलिए उनकी तरह उनके ' तों` को भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए। माफ करना, जिस शख्सियत की मैं बात कर रहा हूं, उन्हें कभी सम्मानित मदर टैरेसा या सिस्टर अल्फोंसा की तरह संत की उपाधि प्रदान नहीं की गई। लेकिन, मेरी नजरों में वे किसी संत से कम नहीं। सादा जीवन उच्च विचार, यही पहचान है उनकी। 15 टूबर, 1931 को रामेश्वरम में एक मछुवारे के घर एक लाल ने जन्म लिया और एक दिन वह अपने कर्मों की बदौलत देश के सर्वोच्च नागरिक बन गए।
नाम बड़ा तो दर्शन भी बड़े। मैं बात कर रहा हूं पूर्व राष्ट ्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम की। एक ऐसे आदमी की जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट ्र बनाने का सपना देखा। सपने तो हम-तुम भी देखते हैं, लेकिन हमारे सपनों में हम अपनी उन्नति को ढूंढते हैं, लेकिन वे हमेशा विश्व कल्याण की बात करते हैं। माफ करना मुझे भी ज्ञात नहीं था कि उनका जन्मदिन है। दफ्तर में एक खबर का संपादन करते हुए पता चला की फलां-फलां स्कूल में बच्चों ने पूर्व राष्ट्रपति का ७४वां जन्मदिन 'चिल्ड्रन एनोवेशन डे` के रूप में मनाया। अपनी सामान्य जानकारी पर अफसोस हुआ, लेकिन उससे भी ज्यादा अफसोस यह देखकर कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या संस्था द्वारा उनके जन्मदिन पर एक बधाई का प्रेस नोट तक जारी नहीं किया गया। जरा-जरा सी बात पर हो-हल्ला करने वाले ये लोग कितने अवसरवादी हैं, यह देखकर दुख हुआ। इस बात से आप भी अनभिज्ञ नहीं हैं कि इस देश में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मायावती और सत्ता में बैठे ऐसे अन्य नेताआें के जन्मदिन पर पूरे का पूरा शहर बधाई देने वाले होर्डिंग्स से पाट दिया जाता है। कुछ पूर्व संतों का जन्मदिन आज भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। अच्छी बात है। लेकिन, इन सबके पीछे निहित स्वार्थ छीपे हैं। आज कई ऐसे संत हैं, जिन्हें उनके तों ने सिर्फ संत नहीं रहने दिया। बल्कि उनके नाम की आड़ में कई 'संस्थाएं` खोल रखी हैं। जिनको चलाने के लिए उनका जन्मदिन मनाना भी जरूरी हो जाता है। अगर वे ऐसा नहीं करें तो कई लोगों की राजनीतिक और धार्मिक संस्थाएं बंद हो जाएंगी।
खैर इस देश में बुरा लिखने को बुराईयों की कमी नहीं। मिसाइल मैन के जन्मदिन पर मेरी और तमाम दूसरे देशवासियों की तरफ से उनको ढेर सारी बधाईयां। मैं दुआ करूंगा उनके जीवित रहते उनका सपना जरूर साकार हो, ताकी मेरी तरह इस देश के सौ कराे़ड से ज्यादा लोगों को विकसित भारत में रहने का अवसर प्राप्त हो।

2 comments:

Vivek Gupta said...

सुंदर | आपको स्मरण कराने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद |

Sanjeev said...

सही लिखा है। वैसे तो हम भी भूल गये थे। याद दिलाने के लिये धन्यवाद।