Saturday, March 20, 2010

आप बताओ कौन सा लोकतंत्र सच्चा है

मेरी उम्र 30 वर्ष होने को है। मैंने कक्षा 9 से शायद अखबार में खेल के अलावा अन्य पेज देखने शुरू किए। तभी से मैं पढ़ता और सुनता आ रहा हूं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इस देश में सभी को अभिव्यक्ति की आजादी है। इसके बाद मैंने एमए प्रथम वर्ष की पढ़ाई राजनीति विज्ञान से कि तो कुछ और महत्वपूर्ण तथ्य भारतीय लोकतंत्र के बारे में जाने। कई अन्य स्रोतों से भी लोकतंत्र के बारे में पढ़ा लेकिन अभी तक लोकतंत्र की महिमा को समझ नहीं पाया। अब यदि भारतीय परंपरा के लोकतंत्र को देखता हूं तो यह बड़ा ही लचिला लगता है। अभिव्यक्ति की आजादी देश में जरूर है लेकिन आदमी की औकात देखकर। लोकतंत्र में उसे ही जीने का मौका मिलता है जिसकी सत्ता में बेहतर पकड़ है या उसकी क्षमता इतनी है कि वह सरकार को हिला सके। इसका सबसे बड़ा उदाहरण मनसे का राज ठाकरे है। शिवसेना का बाल ठाकरे है इनके लिए देश में पूरा लोकतंत्र है। हालांकि यह लोग खुद लोकतंत्र के हिमायती नहीं है। इसके अलावा भाजपा से जुड़े कुछ टट्पुंजिए छोटेमोटे राजनीतिक दल हैं जो किसी का भी सर कलम करने की धमकी दे सकते हैं। पर यह भारतीय लोकतंत्र की उदारता है कि इनकी सारी धमकियों को अभिव्यक्ति माना जाता है। इनकी सुरक्षा भी उन्हीं लोगों केधन से सरकार करती है जिनका सर कलम करने का फरमान यह लोग जारी करते हैं। इसकेविपरीत लोकतंत्र का दूसरा पहलू भी है। इसमें उन कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया जाता है जो अपनी मांगों को लेकर शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन करते हैं। इसकी एक बानगी हाल के दिनों उत्तराखंड में दिखाई दी यह उस सरकार ने किया जिसके मुखिया एक तथाकथित साहित्यकार हैं। यह भी लोकतंत्र है। इसके अलावा हालिया दिनों में इस लोकतंत्र में एक और चीज तेजी से बढ़ी है। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले गरीबों के हक की लड़ाई में उनका साथ देने वालों को अब नक्सली कहा जाता है। जो लोग देश से गरीबी मिटाने के लिए प्रयासरत हैं उन्हें माओवादी कह उन पर रासुका लगाकर जेल में ठूंसने की प्रक्रिया जारी है। जो इनका समर्थन करता है उसकी हालत बिनायक सेन या हिमांशु जैसी कर दी जाती है। अब आप बताईए कौन सा लोकतंत्र सच्चा है और हम किसको मजबूत करने के लिए प्रयास करें।


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